परम पद पर विराजमान हूँ, उर में तुम्हारे राज। परम पद पर विराजमान हूँ, उर में तुम्हारे राज।
सोचो कैसे करते किसी एक को चूज ! सोचो कैसे करते किसी एक को चूज !
कि बेटी को जब सब मारेगें तो फिर किसी के घर बहू कहॉं से आयेगी। कि बेटी को जब सब मारेगें तो फिर किसी के घर बहू कहॉं से आयेगी।
वो क्या है कि किताबी ज्ञान नहीं होता है काफी इन क्षुद्र मानसिकता वाले लोगों के लिए। वो क्या है कि किताबी ज्ञान नहीं होता है काफी इन क्षुद्र मानसिकता वाले लोगों के...
इस समाज का आईना बनूंगी, अगर आज मैं ख़ामोशी से सब सह लूँं तो बेटियों को न्याय नहीं... इस समाज का आईना बनूंगी, अगर आज मैं ख़ामोशी से सब सह लूँं तो बेटिय...
यह कविता भी इन चार लड़कियों के नाम समर्पित है।) यह कविता भी इन चार लड़कियों के नाम समर्पित है।)